21 मई 2025

Some of the major festivals and fasts of Hinduism in May 2025 are as follows 

मई 2025 में हिंदू धर्म के कुछ प्रमुख त्योहार और व्रत इस प्रकार हैं 



 1 मई, गुरुवार: विनायकी चतुर्थी व्रत

2 मई, शुक्रवार: शंकराचार्य जयंती, सूरदास जयंती, रामानुज जयंती, स्कंद षष्ठी

3 मई, शनिवार: गंगा सप्तमी

 4 मई, रविवार: भानु सप्तमी, अग्नि नक्षत्र प्रारंभ

 5 मई, सोमवार: सीता नवमी, बगलामुखी जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी

 8 मई, गुरुवार: मोहिनी एकादशी, परशुराम द्वादशी

 9 मई, शुक्रवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल)

11 मई, रविवार: नृसिंह जयंती, छिन्नमस्ता जयंती, मातृ दिवस (अंतर्राष्ट्रीय)

 12 मई, सोमवार: वैशाख पूर्णिमा व्रत, बुद्ध पूर्णिमा, कूर्म जयंती, चित्रा पौर्णमी

 13 मई, मंगलवार: नारद जयंती, ज्येष्ठ मास आरंभ

 15 मई, गुरुवार: वृषभ संक्रांति

 16 मई, शुक्रवार: एकदंत संकष्टी चतुर्थी

 20 मई, मंगलवार: कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

 22 मई, गुरुवार: हनुमान जयंती (तेलुगु)

 23 मई, शुक्रवार: अपरा एकादशी

 24 मई, शनिवार: शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 25 मई, रविवार: मासिक शिवरात्रि

 26 मई, सोमवार: वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या

 27 मई, मंगलवार: शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या

 29 मई, गुरुवार: महाराणा प्रताप जयंती

 30 मई, शुक्रवार: विनायक चतुर्थी


यह सूची मुख्य त्योहारों और व्रतों की है ।

2 अप्रैल 2025

How to follow religion in Kaliyuga?

कलियुग में धर्म का पालन कैसे करें?




हिंदू धर्म के अनुसार, वर्तमान समय को "कलियुग" कहा जाता है, जो चार युगों में अंतिम और सबसे जटिल युग है। इस युग में अधर्म और असत्य का प्रभाव अधिक होता है, लेकिन फिर भी व्यक्ति अपने सद्कर्मों और सच्चे आचरण के माध्यम से धर्म का पालन कर सकता है।

1 अप्रैल 2025

Navratri Puja Vidhi at Home – Kalash Sthapana and Mantra

घर में नवरात्रि पूजा विधि – कलश स्थापना और मंत्र



Navratri Puja Vidhi at Home – Kalash Sthapana and Mantra


नवरात्रि में पूजा का आयोजन बहुत महत्व रखता है। घर में नवरात्रि पूजा विधि में सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है, जो घर में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक होता है। 


Navratri fast and its scientificity: Scientific and spiritual reason behind fasting

नवरात्रि व्रत और उसकी वैज्ञानिकता: उपवास के पीछे का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण



Navratri fast and its scientificity: Scientific and spiritual reason behind fasting


नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान का समय नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और स्वास्थ्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। नवरात्रि व्रत रखने की परंपरा के पीछे गहरी आध्यात्मिक और वैज्ञानिक सोच छिपी हुई है। यह न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्राप्त करने का भी एक माध्यम है।


31 मार्च 2025

Spiritual significance of Navratri

नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व: माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का महत्व और ऊर्जा






Spiritual significance of Navratri: Importance and energy of worshipping nine forms of Maa Durga


नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक पर्व है, जो वर्ष में दो बार मनाया जाता है – चैत्र और शारदीय नवरात्रि के रूप में। यह नौ दिनों का उत्सव माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना का प्रतीक है और साधना, शक्ति, और आत्मशुद्धि का समय माना जाता है।


30 मार्च 2025

Nav Samvatsar: A celebration of new energy

नव संवत्सर: एक नई ऊर्जा का उत्सव



"नववर्ष शुभमस्तु ते, सर्वेषां मंगलम भवेत्।"


नव संवत्सर हिंदू पंचांग के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत का पावन पर्व है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है और इसी दिन से विक्रम संवत का आरंभ भी माना जाता है। यह दिन प्रकृति, धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है, जो हमें एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देता है।


Gudi Padwa: Beginning of the New Year

गुड़ी पड़वा: नववर्ष का शुभारंभ


"नवसंवत्सराय शुभमस्तु, जयतु हिंदू संस्कृतिः।"


गुड़ी पड़वा, महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जो हिंदू नववर्ष के आगमन का प्रतीक है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है और इसे विक्रम संवत के प्रारंभ का शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में युगादि, सिंधी समाज में चेटीचंड, और उत्तर भारत में विक्रम संवत प्रारंभ।